विदेश मे पढाई

विदेश में पढाई ( Foreign Study )
अनेक विद्यार्थी का सपना होता है कि वो विदेश में जाकर पढाई करें, वहां के विश्वविद्यालयों के मशहूर अध्यापकों से शिक्षा लें और पढने के आधुनिक तरीको को जाने और समझें. किन्तु बढती महंगाई के कारण शिक्षा प्राप्त कारण भी महंगा हो गया है और विदेश जाना तो बहुतों को सिर्फ सपना ही लगता है. विदेश में पढना आपके लिए जीवन का एक अहम और खास अनुभव हो सकता है किन्तु इसके लिए आपको कई तरह से पैसे खर्चने पड़ते है जैसेकि शिक्षा की फीस, किताबों की कीमत, बाहर विदेश में जाकर रहने के लिए खर्चा, वीसा पासपोर्ट बनवाने का खर्चा, यात्रा का खर्च इत्यादि. किन्तु आपको बता दें कि कुछ ऐसे तरीके है जो आपके विदेश जाकर पढने के सपने को साकार कर सकता है.



स्कालरशिप ( Scholarship ) :

हर स्कूल और विश्वविद्यालय में कुछ ऐसी स्कालरशिप होती है जिनकी मदद से व्यक्ति विदेश पढने जा सकता है. किन्तु ये कुछ खास और योग्य छात्रों को ही दी जाती है. इसलिए इसको पाने के लिए आपको काफी मेहनत और लगन से शिक्षा प्राप्त करनी पडती है तभी आप इस स्कालरशिप के लायक होते हो. किन्तु घबरायें नही स्कालरशिप के लिए एक नही बल्कि अनेक प्रोग्राम निकाले जाते है.

वित्तीय मदद ( Financial Aid ) :

जब आप किसी स्कालरशिप के लायक हो जाते हो या आप उसे प्राप्त कर लेते हो तो आपका स्कूल या कॉलेज ही आपकी विदेश में शिक्षा का सारा खर्च देता है, जिससे आपकी पूर्ण रूप से आर्थिक या वित्तीय मदद हो जाती है. इस सुविधा को पाने के लिए आप अपने कॉलेज के वित्तीय विभाग के अधिकारी से जाकर मिलें और उनसे स्कालरशिप से जुडी मदद के बारे में सारी जरूरी जानकारी प्राप्त करें.

ऋण ( Loan ) :

जब भी किसी व्यक्ति को पैसे संबंधी समस्या आती है तो उसको सबसे पहला रास्ता लोन के रूप में ही दिखता है. ये रास्ता आपके विदेश यात्रा के लिए भी संभव है. किन्तु हम आपको उस ऋण के बारे में नही बोल रहे जो आप सामन्य रूप से किसी फाइनेंसर से लेते हो बल्कि हम आपको शिक्षा के लिए लोन (Educational Loan ) के बारे में बता रहे है. शिक्षा के लिए लोन पर बहुत कम ब्याज दर होती है साथ ही इनको भुगतान करने के लिए शर्तों में भी काफी नरमी बरती जाती है.

मेहनत करने और मदद मांगे ( Do Hard Work and Seek Help ) :

अगर आपमें काबिलियत है और सच्ची लगन है तो आप मेहनत करें. आप अपनी पढाई के बाद पार्ट टाइम काम करें और पैसों को इक्कठा करें. साथ ही आप एक पोस्टर बनायें और उसपर अपनी काबिलियत और अपनी विदेश में शिक्षा की चाहत को लिखें, साथ ही आप लिखें कि आप अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हो. आप इस पोस्टर को लेकर ऐसी जगह पर खड़े हो जाएँ जहाँ बहुत से व्यक्ति आते जाते हो जैसेकि मंदिर, कॉलेज या कोई कार्यक्षेत्र इत्यादि. यहाँ ऐसे बहुत से लोग होते है जो आपकी भावना को समझते है और दिल से आपकी मदद करते है साथ ही आपको दुआ भी देते है. इस तरह आपका काम जरुर बन जाता है.

विदेश में कार्य करें ( Work Abroad ) :

अगर आप इतने पैसो का इंतजाम कर लेते हो जिससे आप विदेश में शिक्षा का वीसा और यात्रा का खर्च उठा सको तो आपका आधा काम बन जाता है. क्योकि बाकी का आधा काम आप वहां रहकर भी कर सकते हो. जिसके लिए आपके पास दो तरीके है. पहला तो आप अपना वीसा ऐसा बनवायें जिसमे आपको शिक्षा के साथ साथ पार्ट टाइम कार्य करने की भी अनुमति हो. अगर आपको ऐसा वीसा नही मिलता है तो आप ऑनलाइन एक ब्लॉग या वेबसाइट बनायें और वहां अपनी विडियो और कंटेंट को लिखकर अपलोड करें. इससे आपकी ऑनलाइन कमाई होती है और आप विदेश में अपनी पढाई और रहने का खर्चा वहां रहकर भी कमा पाते हो.

विदेशी विश्वविद्यालय से बात करें ( Talk to Foreign University ) :

ऐसे बहुत से देश है जिनमें कुछ विश्वविद्यालय है जो विदेशी छात्रों की डिग्री, उनकी स्कालरशिप और उनकी काबिलियत को देखकर उनका खर्चा उठाने के लिए तैयार हो जाते है. तो आप उन देशों के बारे में जानकारी हासिल करें जो ऐसा करते है और उन्हें अपने बारे में बतायें. इन्ही देशों में से कुछ देश है जर्मनी, फ़िनलैंड और नॉर्वे. इसके अलावा ब्राजील, स्लोवेनिया और स्वीडन भी ऐसे देश है जो आपसे शिक्षा प्राप्ति के रूप में बहुत कम धन राशि की मांग करते है और शिक्षा प्राप्ति के आपके लक्ष्य में आपका साथ देते है.


विदेश में अपना घर खरीद लें ( Buy Your Property Abroad ) :

अगर ये संभव है कि आप विदेश में अपने खुद के घर की व्यवस्था कर लें तो इससे अच्छा कुछ भी नही क्योकि इससे ना सिर्फ आपको वहां रहने में सुविधा मिलती है बल्कि आपको विदेश में हर तरह के कार्य को करके पैसे कमाने की अनुमति मिल जाती है. इसके अलावा आपको वहां किसी भी विश्वविद्यालय में आसानी से दाखिला मिल जाता है.
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विदेश में पढ़ाई के लिए देने पड़ते है इतने टेस्ट...?

भारत में विदेश जाकर पढाई का क्रेज बहुत बढ़ गया है. विदेश में पढाई करने केलिए युवा बहुत से फॉर्म भरते है. अमेरिका में पढाई करने के लिए 25 हजार छात्र चुने जाते है. अमेरिका के बाद युवाओ की पसंद यूके, ऑस्‍ट्रेल‍िया, कनाड़ा, न्‍यूजीलैंड जैसे देश होते है. विदेश में पढाई करने के लिए बहुत सी एग्जाम देनी पढ़ती है जैसे टीओईएफएल, आईईएलटीएस, जीएमएटी, जीआरई आदि. विदेश में एडमिशन लेने के लिए बहुत सी स्टेज को क्लियर करना पड़ता है. अगर आप ऑस्ट्रेलिया में जाकर पढाई करने का सोच रहे है तो आपके पास इन संस्थानों में आईईएलटीएस का स्कोर होना चाहिए. टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज (TOEFL) 130 देशों में इस संस्थान का स्कोर मांगा जाता है. छात्रों का इंटरनेट बेस्ट टेस्ट भी लिया जाता है. इसके लिए रीडिंग, लिसनिंग, राइटिंग और स्पीकिंग की परीक्षा देनी पड़ती है. इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS) इसमें इंग्लिश का ज्ञान होना चाहिए. इस परीक्षा को ब्रिटिश काउंसिल, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, ईएसओएल और आईडीपी एजुकेशन, ऑस्ट्रेलिया के द्वारा आयोजित किया जाता है. ग्रेजुएट मैनेजमेंट टेस्ट (GMAT) जीमैट एग्जाम देकर स्टूडेंट्स मैनेजमेंट कॉलेजों में एडमिशन लेते है. दुनिया में बहुत से बिजनेस स्कुल है. इन स्कूलों और कॉलेजों में जीमैट स्कोर मान्य होता है. स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (SAT) अमेरिका के विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट देना पड़ता है. इस टेस्ट में आपकी समझने की क्षमता, मैथ्स और वर्बल रीजनिंग से जुड़े सवाल पूछे जाते है. ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन (GRE) जीआरई की परीक्षा कंप्यूटर पर आधारित परीक्षा है. इस परीक्षा को अमेरिका के कई ग्रेजुएट कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए देना पड़ता है. मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट (MCAT) विदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए एमकैट परीक्षा पास करना होता है. इस परीक्षा में वर्बल रीजनिंग, फिजिकल साइंस, बायोलॉजिकल साइंस और राइटिंग सैंपल से जुड़े सवाल पूछे जाते है.

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