पॉयलट व एयर होस्टेज कैसे बने

 पॉयलट व एयर होस्टेज
बढ़ती जरूरत और अनुकूल सरकारी नीतियों के कारण विमान सेवाओं को बढ़ावा मिला है। इससे एविएशन इंडस्ट्री के विकास को काफी गति मिली है, और साथ ही इस सेक्टर में अवसरों में भी वृद्धि हुई है।
पायलट :-पायलट को उड़ान संबंधी बेहतर तकनीकी ज्ञान होना चाहिए। साथ ही उसे समय का पाबंद, आत्मविश्वासी और बेहद सतर्क होना चाहिए। पायलट बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए जरूरी है कि वह दि डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से मान्यताप्राप्त किसी संस्थान से ही कोर्स करें, जो भारत में विमानन के मामलों में देश का विनियामक प्राधिकरण है।
लाइसेंस(How to Get Pilot Licence) : पायलट बनने के लिए जरूरी है कि छात्र के पास उचित लाइसेंस हो। यह कई तरह का होता है। पहला है स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (एसपीएल), जो करीब 6 सप्ताह का कोर्स होता है। 10वीं पास छात्र, जिनकी उम्र 16 साल हो, इसे कर सकते हैं। दूसरा है प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल)। इसके तहत 20 घंटे की एकल उड़ान सहित 60 घंटे की उड़ान होती है। योग्यता 12वीं पास और आयु 17 साल जरूरी है। तीसरा है कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल), जिसके लिए अभ्यर्थी के लिए दिन व रात में कम-से-कम 250 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चाहिए। आयु सीमा 18-30 साल के बीच होनी चाहिए। सीपीएल पायलट के रूप में काम करने के लिए अनिवार्य है। चौथा है कमर्शियल हेलिकॉप्टर पायलट लाइसेंस (सीएचपीएल), जो हेलिकॉप्टर उड़ाने के लिए आवश्यक है। प्राइवेट हेलिकॉप्टर उड़ाने के लिए 40 घंटे और कमर्शियल हेलिकॉप्टर उड़ाने के लिए 60 घंटे की उड़ान का अनुभव जरूरी है।

पांचवां है सीनियर कमर्शियल पायलट लाइसेंस (एससीपीएल), जो 750 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव होने और सभी संबंधित मानकों पर फिट होने पर ही जारी किया जाता है। छठा है एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (एटीपीएल)। यह इस फील्ड में टॉप पर पहुंचने के लिए अनिवार्य है। इसके लिए 1500 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चाहिए। »
योग्यता (Eligibility for Pilot) : पायलट बनने के इच्छुक छात्रों को फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ में 12वीं कम-से-कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ किसी अन्य भारतीय भाषा पर भी कमांड होनी चाहिए। »
चयन प्रक्रिया (Airplane Pilot Selection Process) : फ्लाइंग इंस्टीटूट में दाखिले के लिए लिखित परीक्षा देनी पड़ती है, जिसमें 12वीं स्तर के गणित, भौतिकी और अंग्रेजी के अलावा रीजनिंग से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। फिर इंटरव्यू होता है, जिसमें सफल छात्रों को एयरफोर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टैब्लिशमेंट (एफसीएमआई), नई दिल्ली अथवा इंस्टीटूट ऑफ एविएशन मेडिसिन (आईएएम), बेंगलुरु से प्राप्त मेडिकल सर्टिफिकेट भी पेश करना होता है।
मुख्य संस्था:-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, रायबरेली (उत्तर प्रदेश)
मुंबई फ्लाइंग क्लब, मुंबईफ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीटूट, कोलकाताहिन्दुस्तान इंस्टीटूट ऑफ एयरोनॉटिक्स,
भोपालभारत इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स, पटनाकरनाल एविएशन क्लब, करनाल (हरियाणा)गवर्नमेंट फ्लाइंग क्लब, लखनऊ
एयर होस्टेस :-एयर होस्टेस या केबिन क्रू की मुख्य जिम्मेदारी होती है कि हवाई यात्रा के दौरान किस तरह यात्रियों की यात्रा को सुखद बनाया जाए। लड़कियों के अलावा यहां लड़कों के लिए भी मौके हैं, जिन्हें फ्लाइट पर्सर कहा जाता है। »
योग्यता : एयर होस्टेस बनने के लिए उम्मीदवारों को 12वीं उत्तीर्ण या ग्रेजुएट होना चाहिए। एयर होस्टेस बनने के लिए आयु सीमा 25 वर्ष से कम होनी चाहिए, जबकि कद कम से कम 5 फीट 2 इंच होना चाहिए। लड़कों का कद 5 फीट 7 इंच होना चाहिए। वजन भी कद के अनुसार होना चाहिए। आंखों की रोशनी 6/6 होनी चाहिए। अविवाहित होना भी जरूरी है। राष्ट्रीय भाषा के अलावा अंग्रेजी का ज्ञान भी आवश्यक है। »
ट्रेनिंग प्रोग्राम (Air Hostess Training Programme) : ट्रेनिंग के तहत 3 महीने, 6 महीने या 1 साल के डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स शामिल हैं। कुछ संस्थानों में एविएशन ऐंड हॉस्पिटैलिटी में एक वर्षीय पाठक्रम उपलब्ध है। एयर होस्टेस ट्रेनिंग प्रोगाम के तहत सामान्य तकनीकी पक्षों और नियम-कायदों के अलावा पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर काफी बल दिया जाता है। डिगरी मिलने के बाद नौकरी के लिए विभिन्न एयरलाइंस द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा (वैकल्पिक) से होकर गुजरना पड़ता है।

कुछ संस्थान (Main Indian institutes for Air Hostess)इंदिरा गांधी इंस्टीटूट ऑफ एयरोनॉटिक्स, चंडीगढ़ व अन्य केंद्रएयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीटूट, नई दिल्लीकिंगफिशर ट्रेनिंग एकेडमी, मुंबईफ्रैंकफिन इंस्टीटूट ऑफ एयर होस्टेस ट्रेनिंग, नई दिल्ली

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