NDA परीक्षा की जानकारी
NDA:- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हर साल दो बार एनडीए की परीक्षा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा बहुविकल्पीय होगी।
एनडीए का स्वरूप
एनडीए एंड एनए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी ऐंड नेवल एकेडमी की चयन परीक्षा साल में दो बार यानी मार्च-अप्रैल और अगस्त- सितंबर माह में आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के माध्यम से रक्षा सेवा की एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए योग्य युवाओं का चयन किया जाता है, जिन्हें लगभग तीन साल की गहन ट्रेनिंग के बाद सेना की विभिन्न शाखाओं में नियुक्त किया जाता है। जो युवा अपनी स्कूली शिक्षा के बाद सेना की तीनों शाखाओं में से किसी में भी अफसर स्तर पर सीधी नियुक्ति चाहते हैं, उनके लिए यह परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।क्या है शैक्षिक योग्यता
जहां तक शैक्षिक योग्यता की बात है, तो वायु सेना और नौसेना के लिए 12वीं 60% से फिजिक्स और मैथ्स का होना जरूरी शर्त है। सिर्फ अविवाहित और कम से कम 157.5 सेमी. लंबाई वाले पुरुष प्रत्याशी ही इसके तहत आवेदन कर सकते हैं।
आयु सीमा
एनडीए एंड एनए परीक्षा में शामिल होने वाले युवाओं की आयु 16 वर्ष 6 माह से 19 वर्ष के बीच होनी आवश्यक है।
संबंधित वेबसाइट
www.upsconline.nic.in
www.upsc.gov.in
www.nda.nic.in
चयन प्रक्रिया
एनडीए/नेवल एकेडमी परीक्षा दो चरणों (लिखित और इंटरव्यू) में आयोजित की जाती है। लिखित परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित करने की जिम्मेदारी संघ लोक सेवा आयोग को दी गई है। संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी ही इस संबंध में सारी प्रक्रियाएं पूरी करता है। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं। इनका माध्यम हिन्दी व अंग्रेजी, दोनों होता है। एग्जाम स्ट्रक्चर के बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि जिन छात्रों की मैथ्स पर पकड़ अच्छी होती है और आत्मविश्वास मजबूत होता है, वे आसानी से इस परीक्षा को पास कर लेते हैं। इसमें सफल होने वाले युवाओं को ही इंटेलिजेंस टेस्ट एवं साइकोलॉजिकल एप्टीट्यूड टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। ये टेस्ट सर्विस सलेक्शन बोर्ड द्वारा लिए जाते हैं।
एनडीए की लिखित परीक्षा की योजना इस प्रकार होती है-
1. लिखित परीक्षा
लिखित परीक्षा में दो पेपर होते हैं और प्रत्येक की अवधि 150 मिनट यानी ढाई घंटे की होती है। पहला प्रश्न-पत्र मैथ्स यानी गणित पर आधारित होता है, जिसमें 300 अंकों के कुल 120 प्रश्न होते हैं, दूसरा प्रश्न-पत्र जनरल एबिलिटी का होता है, जिसमें 600 अंकों के 150 प्रश्न होते हैं। दोनों पेपर मिलाकर कुल 270 प्रश्न होते हैं। जनरल एबिलिटी के प्रश्न-पत्र के पहले हिस्से में 200 अंकों के अंग्रेजी से संबंधित प्रश्न होते हैं, जबकि दूसरे हिस्से में 400 अंकों के जनरल नॉलेज पर आधारित 6 अलग-अलग भागों में प्रश्न होते हैं जो इस प्रकार से होते हैं- 1. फिजिक्स, 2. केमिस्ट्री, 3. जनरल साइंस, 4. इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन आदि, 5. ज्योग्राफी, 6. करंट अफेयर्स। यह मूल रूप से वस्तुनिष्ठ परीक्षा होती है। प्रत्येक प्रश्न के चार वैकल्पिक उत्तर होते हैं, जिनमें से सही उत्तरों को चिह्नित करने को कहा जाता है। इस संबंध में ध्यान रखने वाली बात यह है कि गलत उत्तरों के बदले नकारात्मक अंक देने का भी प्रावधान है। इसलिए सही उत्तर की जानकारी नहीं होने पर छोड़ देना ज्यादा उचित रणनीति कही जा सकती है।
2. व्यक्तित्व परीक्षण
लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को सेना के सर्विस सिलेक्शन बोर्ड यानी एसएसबी द्वारा इंटरव्यू और व्यक्तित्व परीक्षण के लिए कॉल किया जाता है। उम्मीदवार की बुनियादी बुद्धि की जांच करने के लिए साक्षात्कार के अतिरिक्त मौखिक तथा लिखित परीक्षा ली जाएगी। उनके ग्रुप परीक्षण भी किए जाएंगे, जैसे ग्रुप परिचर्चा, ग्रुप योजना एवं कार्यकलाप तथा निर्दिष्ट विषयों पर संक्षिप्त व्याख्यान देने के लिए कहा जाएगा। ये सभी परीक्षण उम्मीदवारों की मेधाशक्ति की जांच के लिए हैं। मोटे तौर पर इन परीक्षणों से वास्तव में न केवल उसके बौद्धिक गुणों की जांच की जाएगी साथ ही उसकी सामाजिक जगरूकता और सामयिक जानकारी का भी पता चल सकेगा।
परीक्षा के इस चरण का मुख्य उद्देश्य अभ्यर्थी की पर्सनालिटी यानी व्यक्तित्व, उसकी बुद्धिमत्ता और सेना में एक ऑफिसर के रूप में उसकी ऑफिसर लाइक क्वालिटी (ओएलक्यू) को जांचना-परखना होता है। एसएसबी के सेंटर देश के कई शहरों में स्थित हैं और अभ्यर्थी को उसके निकटवर्ती सेंटर पर ही बुलाया जाता है। आमतौर पर एसएसबी इंटरव्यू पांच दिनों का होता है, लेकिन इसमें पहले दिन स्क्रीनिंग टेस्ट ही होता है, जिसमें साइकोलॉजिकल टेस्ट लिया जाता है। स्क्रीनिंग टेस्ट में फेल होने वाले अभ्यर्थियों को वापस भेज दिया जाता है। शेष को अगले चार दिन तक कई टेस्ट देने होते हैं। इस दौरान उनका ग्रुप डिस्कशन यानी जीडी, साइकोलॉजिकल टेस्ट लिया जाता है। इन चार दिनों में उम्मीदवार के हावभाव, बातचीत, रहन-सहन, उठने-बैठने आदि पर भी नजर रखी जाती है। सर्विस सलेक्शन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से आये युवाओं का साक्षात्कार तो लिया ही जाता है, साथ ही उन्हें इंटेलिजेंस टेस्ट और साइकोलॉजिकल एप्टीट्यूड टेस्ट की कसौटियों से भी गुजारा जाता है।
इंटरव्यू के दौरान परखी जाने वाली ऑफिसर्स क्वालिटीज (Officer Qualities) हर छात्र के पास होती हैं, लेकिन आत्मविश्वास के अभाव में वे इन्हें पहचान नहीं पाते हैं। उचित मार्गदर्शन से इसमें निखार लाया जा सकता है। लगातार प्रयास से वह इंटरव्यू के लिए अपने अंदर ऑफिसर्स क्वालिटीज (Officer Qualities) डेवलप कर सकते हैं। इंटरव्यू में अंग्रेजी अच्छी होने का अपना ही लाभ मिलता है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि अंग्रेजी बहुत ज्यादा अच्छी हो, तभी सफलता मिलती हो। यदि आपको अंग्रेजी की बेसिक समझ है और आप कम्युनिकेट (Communicate) करने में सक्षम हैं, तो विशेष परेशानी नहीं होगी। हां, अंग्रेजी अच्छी होने का लाभ इंटरव्यू में जरूर मिलता है।
ट्रेनिंग
एनडीए परीक्षा के आधार पर अंतिम रूप से चुने गए अभ्यर्थियों को नेशनल डिफेंस एकेडमी, खड़कवासला, पुणे में तीन वर्ष की ट्रेनिंग दी जाती है। खास बात यह है कि इस तीन वर्ष की ट्रेनिंग के दौरान वे अपनी स्ट्रीम के अनुसार ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी पूरी करते हैं। इसके लिए उनके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स एवं कंप्यूटर साइंस विषयों के साथ बीएससी का या पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री आदि विषयों के साथ बैचलर ऑफ आट्र्स यानी बीए का विकल्प होता है। हालांकि ट्रेनिंग के पहले वर्ष में तीनों सेनाओं के लिए चयनित अभ्यर्थियों को एक ही कोर्स की पढ़ाई करनी होती है। दूसरे साल में उनके द्वारा चुने गए विंग यानी आर्मी, नेवी या एयरफोर्स के आधार पर उनके कोर्स का सिलेबस बदल जाता है। एनडीए में तीन वर्ष की ट्रेनिंग के उपरान्त कैडेट्स को उनके द्वारा चुनी गई विंग की विशेष जानकारी के लिए स्पेशल ट्रेनिंग पर भेजा जाता है। इसके तहत आर्मी के लिए चयनित कैंडिडेट्स को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (देहरादून), एयरफोर्स के कैंडिडेट्स को एयरफोर्स एकेडमी (हाकिमपेट) तथा नेवी के लिए चुने गए कैंडिडेट्स को नेवल एकेडमी (लोनावाला) भेजा जाता है। ट्रेनिंग के सभी चरणों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले कैडेट्स को अंतत: उनके द्वारा चुने गए सेना के किसी एक विंग में कमीशंड ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाता है। तय है कि अगर आप अच्छी तैयारी करते हें तो सफलता आपको अवश्य मिलेगी।
शारीरिक परीक्षण भी है आवश्यक
इसमें उम्मीदवारों की ऊंचाई के हिसाब से उनके वजन का मानक तय किया गया है। आर्मी व एयरफोर्स के लिए ऊंचाई व वजन का प्रावधान एक ही है, जबकि नेवी के लिए अलग मानक है। ऊंचाई व वजन संबंधी अर्हता पूरी करने के अलावा उम्मीदवार को शारीरिक परीक्षण से भी गुजरना पड़ता है। इसमें उम्मीदवार को 2.4 किमी की दूरी 15 मिनट में पूरी करनी होगी। उन्हें 20 बार उठक-बैठक भी लगानी होगी।
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